खून से बड़ा कोई रिश्ता नहीँ होता
इश्क़ में अकेले तुम ही तो गुनाहकार नहीं थे
तो अकेले खुद को ही तूने क्यों सजा देनी चाही
अपने से पहले अपनों के बारे में तो कम से कम सोच लेते
अरे किसी के लिये नहीं पर
अपने माता पिता के बारे में सोच लेते
जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया उनको याद कर लेते
जिनकी...
तो अकेले खुद को ही तूने क्यों सजा देनी चाही
अपने से पहले अपनों के बारे में तो कम से कम सोच लेते
अरे किसी के लिये नहीं पर
अपने माता पिता के बारे में सोच लेते
जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया उनको याद कर लेते
जिनकी...