#नानी का घर
पहले जब माँ नानी के घर से आती थी तो हमलोग तुरंत उनका झोला देखने लगते थे अब तो कोरोना ने सब बदल दिया। अब दूर हटो। पापा कहते इसे मत छूओ उसे मत खोलो। मन ही मन मँगरू का मन कचोटता जरूर उस वाली थैली में कुछ होगा। नानी ने हमारे लिऐ क्या भेजा? मामा ने हमको क्या दिया? फिर अंदर से आवाज आती माँ आप ही हमें दिखा दो क्या-क्या लाई हो? देखने के बाद ऐसे सूकून मिलता जैसे हमने कुछ पा लिया हो। कहीं से मिठाई की खूशबू आती तो कहीं से नानी के घर की महक।
© Utsav Gupta (Mona)
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