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नाद ब्रह्म के गायक संतोष आनंद

एक प्यार का नगमा है
मौजों की रवानी है
एक प्यार का नगमा है
मौजों की रवानी है
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है
मौजों की रवानी है
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है ला ला ला…
कुछ पाकर खोना है
कुछ खोकर पाना है
जीवन का मतलब तो
आना और जाना है
दो पल के जीवन से
इक उम्र चुरानी है
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है
तू धार है नदिया की
मैं तेरा किनारा हूँ
तू मेरा सहारा है
मैं तेरा सहारा हूँ
आँखों में समंदर है
आशाओं का पानी है
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है
तूफ़ान को आना है
आ कर चले जाना है
बादल है ये कुछ पल का
छा कर ढल जाना है
परछाईयाँ रह जाती
रह जाती निशानी है
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
जो बीत गया है वो
अब दौर न आएगा
इस दिल में सिवा तेरे
कोई और न आएगा
घर फूँक दिया हमने
अब राख उठानी है जिंदगी
और कुछ भी नही
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है
मौजों की रवानी है
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है मौजों की रवानी है..

यह गीत मेरा फेवरेट है कारण है यह ब्रह्म नाद है यह कोई गीत नही इसमें जीवन के फलसफे को समेटने व अभिव्यक्ति देने की जो क्षमता है वह इसे है गीत से अलग बनाती है और इसके रचनाकार श्री संतोष आनंद जी इसके शब्द शब्द के साक्षात प्रमाण है। वह ब्रह्म इस व्यक्ति के लेखनी के माध्यम से अभिव्यक्त होना स्वीकार किया यह इस जीव की सबसे बड़ी उपलब्धि है। बाँकी 2 फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिल चुका है हजारों गीत कविता इनके व्यक्तित्व को अमरता दे चुकी है। लेकिन जब आप जीवन के गूढ़ रहस्य जान जाते हो, उस को जीने लगते हो तो बहोत समय वह प्रकृति आप की परीक्षा भी बाँकी लोगों से बहोत अलग लेती है। मैने बाबा बैद्यनाथ मिश्र यात्री अर्थात नागार्जुन को देख है उनकी दीनहीन व भौतिक सीमाए देखी है और इन सीमाओं से मुक्त उनके शाश्वत अस्तित्व को भी देखने का सौभाग्य मिला है। उन अनुभवों के ढ़सर पर मैं संतोष आनंद जी को भी एक अदभुत व्यक्तित्व पाता हूँ। कल अचानक इस गीतकार संतोष आनंद मिश्रा का एक वीडियो दिखा जिसमे इनके जीवन के कुछ पन्ने खुले और लगा कि प्रकृति इनकी भी घनघोर परीक्षा ले रहा है। संतोष जी को 10 वर्ष होगए विवाह के लाखों मन्नतों के बाद एक बेटा हुआ। फिर मानो खुशियां बरसने लगी इनकी जिंदगी में फिल्मी दुनिया मे भी काफी यश मिला सब चल रहा था जीवन मे मधुर वसंत का वो फेज था, अचानक शुरू हुआ इनका परीक्षा का काल पहले शरीरी रूप से अक्षमता आयी और यह अब देह को व्हील चेयर के अधीन होता देखते रह गए। पर अंदर का वो जागृत तत्व इन्हें रुकने नही दिया लिखते गए शब्द शब्द जीते गए अपने स्व को कमजोर नही पड़ने दिया। फिर भोग की एक और क़िस्त इनके जीवन मे प्रकट हो गयी इनका जवान पुत्र व व पुत्रबधू इनको छोड़ निर्मोही हो स्वर्ग सिधार गए निशानी के रूप में राह गयी इनकी एक छोटी सी पोती । सायद सामान्य व्यक्ति होता तो स्वयं भी टूट कर मृत्यु को अपना लेता पर यह तो कवि थे इन्हें तो जीवन की भंगुरता का ज्ञान था। और साथ मे पोती के रूप में एक जिम्मेदारी भी थी कैसे मृत्यु मांग लेते ये भले दैहिक व मानसिक रूप से बिखर गए हों पर आत्मा जिंदा रखा और चलते गए जीवन पथ पर। समय बदला अर्थीक रुप से भी इन्हें तोड़ता गया अब तो कुछ न बचा जीवन मे । न यश न मान न पुत्र न देह हाय रे विधाता परीक्षा लेने के नाम पर और क्या बाँकी रखा तुम ने अब तो किस्मत को भी अपने इस योद्धा पुत्र पर तरस आने लगी। किस्मत हर तरह से प्रयास कर के भी इसे तोड़ नही पाई क्युकी यह उस सत्य को जानता है जो इस देह व भौतिकता से मुक्त है और उस सत्य का मार्ग संतोष जी ने कभी नही छोड़ा । किस्मत हार गई इस ब्रह्म नाद के गायक को फिर से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों का स्नेह मिलना शुरू हो गया और क्या चाहिए इसे अब लोगों के उसी प्यार सम्मान के सहारे यह कवि अपनी अगली यात्रा अर्थात मृत्य व पुनर्जन्म के लिए स्वयं को तैयार करता रहेगा और जब तक रहेगा अपनी पूर्णता से सच्चिदानंद भाव से जियेगा।
आप धन्य है संतोष जी आप ने कवि कुल को व अपने नाम को जी कर दिखाया है आप से प्रेरणा ले लोग जीवन के हर सुख दुख को अंगीकार करते हुए पूर्णता से जीने का प्रयास करेंगे। आप ने गीत या कविता लिख नही है उसे जी कर उसको जीवन दिया है।
आप मे से कितने लोग इनका नया वाला वीडियो देख है जो किसी रियलिटी शो का है जिसमे नेहा कक्कड़ भी हैं बड़ा दारुणता के साथ अर्थपूर्णता वाला वीडयो था।
#santosh_anand #storyoflife



© eternal voice नाद ब्रह्म