पुरानी डायरी
उनदिनों की एक पुरानी डायरी मुझे मिली ।
जब समय भी जवान था।और हम भी।
समय को हम बेफिक्री से जी रहे थे। उफ़ क्या दिन थे ।
वो लड़ना ,झगड़ना, झूठ बोलना सब कुछ
कितना निष्पाप से थे।
मन में कोई ग्लानी भी नही होती थी।
समय निर्दोष था या हमारा मन ये पता चलता ही नहीं था।
डायरी में कुछ पन्ने ख़ाली भी छोड़ रखा था शायद वो कभी वक़्त के साथ लिख लिया जाएगा।
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