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तुम लौट आओ न सुहानी
23 फरवरी 2014 की ठंडी ठंडी सुहावनी सी सुबह आज भी मुझे बीते हुए कल की तरह ही याद है, जब तुम्हें सिर्फ मेरा हो जाने का अहसास कराने तुम्हारे घर आना था| मन में सैकड़ों जिज्ञासाएं लिए हुए उन्नाव से लखनऊ की वो 8 बजे की रेलगाड़ी की प्रतीक्षा करते करते मेरे दिल की धड़कन हर पल अपनी गति बढ़ा रही थी| 2010 से लेकर 2014 तक हर दिन सिर्फ यही सोचते थे कि काश तुम्हें स्वत: ही मेरी भावनाओं का अहसास हो जाये| 5 सालों का इंतजार करते करते आज वो दिन आ चुका था जब मुझे अपनी जिंदगी का सफर एक और जिंदगी से जोड़ लेना था| उस दिन उन्नाव से लखनऊ तक का सफर सातों समंदर की दूरियों से भी ज्यादा लग रहा था| अपने लुक और ड्रेस को हर पल संभालते संभालते इतना विलीन हो चुका था कि ट्रेन के अन्य यात्रियों की नजरों का मेरी ओर घूर घूर कर देखना मुझे तनिक भी विचलित न कर सका| 10 बजे लखनऊ जंक्शन पर पहुंचने पर ट्रेन से पहला कदम निकालते ही मुझे संयोग श्रंगार की सी अनुभूति हुई| 17 फरवरी की रात मेरी दीदी की शादी में हमारी आंखें पहले ही एक दूसरे से रुबरु हो चुकी थी, बस वक्त था तो बस अपने मनोभावों को अपनी जुबान पर लाना| स्टेशन से तुम्हारे घर तक की वो छोटी सी दूरी अनेकों कयासों को जन्म देती जा रही थी| क्या होगा, कैसे होगा, हमसे इजहार किया भी जायेगा या नहीं, न जाने ऐसे कितने ही ख्याल मेरे मन में घर कर चुके थे| आखिरकार तुम्हारे घर पहुँचते ही सबसे पहले मेरी नजरें तुम्हें ही ढूंढ रही थी| पर मुझे अंदाजा भी नहीं था कि हमारा इश्क़ किसी इकरार-ए-बयां का मोहताज नहीं बनेगा| तुम्हारा दौडते हुए आकर मुझे गले लगा लेना, मेरी हर उस जिज्ञासा की सन्तुष्टि थी, जो मैं पिछले 5 सालों से जवाब पाने के लिए खुद से उम्मीद लगाए बैठा था| न जाने क्यूँ उस वक्त मुझे फिल्मों और नाटकों से एकाएक घृणा सी होने लगी| शायद मेरा प्रेम सत्य और नि:स्वार्थ था ,इसलिए उसे इजहार करने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ी| मुझे नहीं पता कि वैलेंटाइन डे कैसा होता है, पर मुझे यकीन हो गया था, कि मेरी तत्कालीन भावनाओं से ज्यादा अच्छा तो नहीं होता होगा| किसी लड़की को गले लगाना मेरे लिए यह पहला ही अनुभव था, पर पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लगने लगा कि तुमसे मिल जाने के बाद अब मुझे दुनिया में किसी भी चीज़ की चाहत नहीं रही | कुछ तो ऐसा जरूर होता होगा कि हम भले ही किसी की भी कितनी चाह क्यों न रखते हों, एक न एक दिन ऐसा जरूर आता होगा, जब हम अपनी हर मनपसंद चीज का भी त्याग और समर्पण करने को आतुर हो जायें| उस दिन से लेकर आज तक हमारा प्रेम पहले की तरह अटूट है|

पर शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था| तब से लेकर आज तक बहुत सी ऐसी अनहोनी हो गयीं, जो शायद हमारे बीच कभी नहीं होनी चाहिए थीं | हाँ, मैंने तुम्हारा बहुत दिल दुखाया है, पर वो मेरी नादानी थी| जाने अनजाने में मुझसे वो गलतियां हुई थी| मुझसे गलती जरुर हुई है, पर तुमने उसे अपराध समझ लिया है, और अगर ये अपराध है तो उसका जिम्मेदार मैं अकेला नहीं हूँ, और लोग भी जिम्मेदार हैं, उन्हें भी उतनी ही सजा मिलनी चाहिए| शायद मैं अपनी गलतियों के लिए जीवन भर शर्मिंदा रहूँगा| आज तुम भले ही मुझसे बहुत दूर जा चुकी हो, पर मैं कभी तुमसे दूर नहीं रह सकता| हाँ तुम्हारी खुशी की खातिर मैंने तुमसे बात करना भी छोड़ दिया है| पर मैं हमेशा तुम्हारे फोन का इंतजार करता रहूंगा| तुम भले ही मेरे पास नहीं रहना चाहती, पर मैं तो सिर्फ तुम्हारे साथ ही रहना चाहता हूँ| पर मुझे इस बात का कोई दुख नही है, क्योंकि मेरे पास तुम्हारे साथ बिताये हुए वो 12 साल है| तुम्हारे साथ बिताया हुआ हर पल मुझे मेरी सपनों की दुनिया में वापस ले कर चला जाता है, जब भी मैं उन पलों को याद करता हूँ| उन यादों के सहारे मैं अपना पूरा जीवन बिता सकता हूँ | इस वैलेंटाइन तुम मेरे साथ नहीं हो, पर मेरा हर वैलेंटाइन तुम्हारी यादों के साथ होता रहेगा| मैं आज खुश भले ही दिखता रहूँ, पर तुम्हारे बगैर हंसना भूल गया हूँ,जिंदा भले ही हूँ मगर तुम्हारे बगैर जीना भूल गया हूँ| तुम्हारा साथ रहना मायने नहीं रखता, तुम्हारा इस दुनियाँ में होना बड़ा मायने रखता है| प्लीज तुम लौट आओ न सुहानी (काल्पनिक नाम ), मैं हमेशा तुम्हारे वापस आने का और तुम्हारे फोन का इंतजार करता रहूंगा|

Wish you a very happy Valentine's Today...!!!