आत्मसम्मान की लड़ाई
दोस्तों मैं आपके सामने अपने विचार विमर्श करना चाहती हु , कुछ वर्ष पुर्व लोगो की सभ्यता और संस्कृति बहुत ही अलग हुआ करती थी उनके खान पीएन का प्रचलन इस प्रकार नही था जो वर्तमान युग का है आज हमारे समाज मे इतने योग्य और सुविज्ञ लोग रहते है इसकी कल्पना करना ही मुश्किल था , कि हमारा आने वाला कल कैसा होगा यही प्रश्नचिन्ह बना हुआ था लोगो के लिए , परंतु आज का समाज देखु तो बहुत सारे संसाधन है मनुष्य के लिए , इन्ही संसाधनों का उपभोग करके अंततः वो अपने कार्य को अंजाम देता है
हमने इस वर्तमान में बहुत सारे मुकाम हासिल कर लिये है ,...