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आत्मसम्मान की लड़ाई


दोस्तों मैं आपके सामने अपने विचार विमर्श करना चाहती हु , कुछ वर्ष पुर्व लोगो की सभ्यता और संस्कृति बहुत ही अलग हुआ करती थी उनके खान पीएन का प्रचलन इस प्रकार नही था जो वर्तमान युग का है आज हमारे समाज मे इतने योग्य और सुविज्ञ लोग रहते है इसकी कल्पना करना ही मुश्किल था , कि हमारा आने वाला कल कैसा होगा यही प्रश्नचिन्ह बना हुआ था लोगो के लिए , परंतु आज का समाज देखु तो बहुत सारे संसाधन है मनुष्य के लिए , इन्ही संसाधनों का उपभोग करके अंततः वो अपने कार्य को अंजाम देता है
हमने इस वर्तमान में बहुत सारे मुकाम हासिल कर लिये है , अच्छी पढ़ाई करली , तकनीकों में आगे बढ़ गए ,पर सोच से हम पीछे रह गए सोच से हम कभी आगे ही नही बढ़ पाए वही के वही रह गए , क्या आपको नही लगता कि हमको अपनी सोच को बदलना चाहिए ,क्या हमे अपने पे भरोसा नही , ये सब कुछ बताने से पहले मैं आपसे कुछ अपने विचारों को रखूंगी , हर वर्ग के लोगो को हमारा समाज और सरकार एक साथ पढ़ने की अनुमति देती है । और हर छेत्र में कार्य करने का मौका देती है हर वर्ग के लोगो को । तो फिर यही समाज और स्त्रियों का सम्मान क्यों भूल जाता है स्त्रियों कि इज़्ज़त करना कैसे भूल जाता है उसमें पुरुष और स्त्रियों में ये कैसा विभाजन हो रहा है , उन्हें सम्मान पाने का कोई हक नही होता क्या ,या फिर वो अपने धर्मों को करने में सछम नही , उनको फिर आगे बढ़ने से रोका क्यों जाता है , क्यों उन्हें प्रताड़ित किया जाता है , उन्हें इतना कमजोर और लाचार क्यों समझे जाने लगा , क्या ये उनकी गलती है कि वो एक स्त्री है या फिर ये कहूं कि उनको अपने गुण को दबा देना चाहिए , ऐसा समाज क्यों करती है जब जब कोई स्त्री घर के बाहर कदम रखती है उन्हें गलत समझा जाता है ,उन्हें चरित्रहीन क्यों कहा जाता है , क्यों उनको ही अपनी बार बार परीक्षा देनी होगी ,क्यों उनको ही हर बार की तरह अग्निपरीक्षा देनी होगी , कब तक उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचेगी , उन्हें क्या जीने का हक नही ।
मित्रो इतनी छोटी सोच आखिर कब तक ये छोटी सोच को बढ़ावा देते रहोगे , हमारा समाज उसमे रहने वाले लोग कब आगे बढ़ेंगे , मित्रो पढ़ लिखकर अधिकारी या कोई भी उपाधि पर हो जाओ पर अगर सोच से छोटे हो तो आपके उपाधि और सोच की कोई कीमत नही
सम्मान तो उसमें है जब स्त्रियों के मदत के लिए लोग हमेशा खड़े रहे । ये है आपकी असली कमाई और उसकी पढ़ाई ।
मित्रों मैं ये कहना चाहती हु आपसे छिति , जल , पावक , गगन , समीरा पांच तत्व से बना ये सरीरा

शुक्रिया आपकी छोटी लेखिका
शशि त्रिपाठी 🙏🙏🙏