ख्वाहिश,,,,कत्ल उम्मीदों का
पहली महिला :- दूसरी महिला से,,,,,सुना है बहन जी इनकी बेटी कल से घर नही आई है ,अरे उसके बाप ने देखो तो कितना खर्च किया है उसके लिए, और बेटी का कोई पता ठिकाना नहीं है कहां गई ,कल से उसका बाप गलीयो की खाक छान रहा है प्रश्र अभी तक कोई खबर नहीं है कि कहा है कहां नहीं। दूसरी महिला :- मुंह बनाते हुए,,,,सुना तो हमने भी यही है ,,पर इसमें गलती भी तो इनकी खुद की है। मैं तो पहले ही कहती थी कि बेटी को इतना सिर पर मत बैठा यो अब देर रात तक बेटियों को आवारागर्दी कराओगे उसे छोटे छोटे कपड़े पहनाओगे तो भला किसकी नियत ना डगमगाये। तीसरी महिला :- देखा बहन जी मैं कहती थी ना लड़कियों को इतनी छोट नही देनी चाहिए अब रोने से क्या फ़ायदा अरे पर निकल आए होंगे पर फैलाकर कहीं उड़ गई होगी,अब ना आयेगी वापस। चौथी महिला ,,,, क्या बोल रही हो तुम यह सब ,, बोलने से पहले थोड़ा सोच लिया करो,,क्या बोल रही हो,अरे हमारे घर में भी बेटीयां है,, ज़रा संभलकर बोलों। दिलासा देने की बजाए बातें बना रही हो ,, और क्या बोल रही थी तुम,, भाग गई होगी,,,किसी की बेटी के लिए ऐसा बोलते हुए तुम्हें शर्म आनी चाहिए ,, भगवान ना करे कल को तेरी बेटी ऐसा कुछ कर दें फिर तुम बोलना यह बात,,, चौथी महिला तीसरी महिला को गुस्से से बोलती है। तीसरा महिला,,,, मैंने क्या ग़लत बोल दिया जो तुम इतना गुस्सा कर रही हो,,अरे कलयुग चल रहा है कलयुग। और आजकल तो यह आम बात हो गई है,, लड़के लड़कियां अपनी मर्जी से बियाह करने लगे हैं क्या पता इनकी बेटी भी,,,,,,,,,,,,,, बससससस,,बस करिए आप सब बस करिए,,,कब से बोले जा रही है अरे बस भी करो।अगर झुठी हमदर्दी नहीं दे सकती तो कम से कम बातों के खंजर तो मत चलाओ,, अगर तसल्ली के दो शब्द नहीं निकल रहे मुंह से तो ज़ख्मों पर नमक भी मत छिड़को नाआआआ,,,, आंगन के बीचोंबीच नीचे फर्श पर बेसुध सी होकर बैठीं एक महिला जो कब से उन सब औरतें की बातें सुन रही थी,, आंखों से आंसू ऐसे निकल रहे थे जैसे सावन में होने वाली बरसात जो कब रुकेगी भगवान ही जानता है।उन सब औरतें की बातें किसी खंजर की भांति उनके दिल पर वार कर रही थी,,जब बर्दास्त नहीं होता तो वह गुस्से से उन सबको जवाब देती है ,,, खबरदारररर,,,जो मेरी बेटी के लिए एक भी ग़लत शब्द और निकाला तो बस बहुत हो गया आपका, बहुत बोल लिया आपने अब कृपया करिए हम पर और हमें अकेला छोड़ दीजिए हम खुद ढूंढ लेंगे अपनी बेटी को आपको चिंता करने...