एक अलौकिकता की खोज व दास्तान भाग -२42
जो उसको स्त्रीत्व के द्वारा अस्तित्व की आसीमता का बोध व आशय स्पष्ट करने के लिए अतिआवश्यक है ताकि वह सिद्ध होकर स्त्रीत्व से अस्तित्व की खोज व आलेख की आसीमता का समर्पण संग्रह की प्रस्तुति व पेशकश प्रकृट करके उस पर अपना स्वामित्व पाकर अधिपति पा सके मगर वह उसके अस्तित्व के द्वारा किए गए प्रत्येक प्रहार का हिसाब स्त्रीत्व उसके अस्तित्व की वास्तविक आसीमता के रूप में अर्थात शून्य प्रेम काव्य प्रस्तुती संग्रह बनकर उसके समक्ष प्रकट होकर इस गाथा के...