...

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एक पत्र स्वयं को
मैं अर्चना हा मैं स्वयं ही
एक पत्र मेरे स्वयं के लिए क्योंकि इस वक्त मैं बहुत परेशान हूं ,बहुत हारा हुआ और बेचारापन महसूस कर रही हूं ,खुद पर ही दया आ रही हैं खुद से नफ़रत हो रही हैं तो खुद से ही कुछ कहना चाहती हूं की ठीक हैं ना यार नहीं हो रहा कुछ भी सही सब तुमसे नाखुश हैं ठीक हैं
तुम्हारे दुखी होने से व्यर्थ रोने से कुछ नहीं होगा क्योंकि तुम उसे ठीक नहीं कर सकती जो तुम्हारे हाथ में नहीं हैं जो तुम्हारे वश में बिल्कुल भी नहीं हैं।।
तुम अपनो को खुश रखने का प्रयास कर सकती...