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जीवन के आदर्श
जीवन में मुश्किल हालात किसे सहन नही करने पड़ते । राजा से लेकर रंक इन सबको मुस्किल हालत में गुजरना पड़ता है और वो ही मुश्किल हालात जीवन की सिख बनते है और वो सीख जीवन में अच्छे शिक्षक की तरह काम करती है । जीवन में अनेक मुश्किल हालात आते है और बार बार अनेक रूप में आते है और अनेक स्वरूप में आते है और बहोत बार आते है ।जीवन में हम कभी भी ये नही सोचते की जीवन में मुश्किल हालात के बिना जीवन जीने क्या अर्थ है और मुश्किल हालात के वक्त जीवन जीने का क्या अर्थ है और केवल और केवल निजी सुख के लिए वो हम भूल जाते है जो जीवन में हम सीखना चाहते है या सिखाना चाहते है ।

जीवन में आप कितना कुछ करते हो और किसके लिए करते हो अपने परिवार के लिए या अपने रिश्तेदारों के लिए और क्या वो रिश्तेदार आपके मृत्यु के वक्त आपके साथ आ सकते है या अपना पुण्य आपको दे सकते है जिसका जवाब है शायद नही और जब जीवन में हम आगे बढ़ना चाहते है तो कुछ लोग जीवन में हमारा विरोध करते है तकलीफ देते है लेकिन वो भी क्या करे प्रकृति का नियम ही यही है की कुर्सी पे बैठने वाले व्यक्ति या सता पे बैठने वाले व्यक्ति तभी जीवन में सफल हो पाते जब वो उनके लिए कुर्सी बनाने वाले की मेहनत को समझते है और देखते है वरना वो सता या कुर्सी उपभोग का केंद्र बनती है और बाद में वो अपने ही पतन का कारण भी बनती है ।

जीवन में कभी कभी हम सुनते है की किसी का पैसा हमारे पास आ जाता है तो कई बार हम खुश होते है या जीवन में हमारे साथ बैंक में ऐसा हो की जमा किया हुआ पैसे से ज्यादा पैसे मिले तो खुश हो जाते है लेकिन जब वो वापस करने का वक्त आता है तो हमारा मन उस बात में नही लगता हम सोच रखते है की जो हमे मिला वो हमारा है ना किसी और का लेकिन यही सबसे बड़ी जीवन की गलती है और यही जीवन में पतन का कारण बनती है क्योंकि हम क्या लेके आए थे जो हमारा हुआ और क्या लेके जाएंगे जो हमारा होगा हमारा यही होगा की जो हमने अच्छे कर्म या अच्छे जीवन में दान या पुण्य किए है बाकी सब जीवन में मिथ्या है जो जीवन में आज आपका है कल किसी और का ना आपके पास टिकेगा ना टिका रहेगा ।

जीवन में जटिल बाते उत्पन्न होती है जो जीवन में कई बार हम असफलता के बोझ के तले दब जाते है लेकिन असफलता में अ को मुंकिन कर देते है और मेहनत करते है तो सफलता ही रहती है और अ केवल मिथ्या है उस बात को भी समझ सकते हो ।जीवन में आप किसी की खुशी के लिए काम करो ठीक बात है अपनी खुशी के लिए काम करो ठीक बात है लेकिन वो सब में जीवन में आप देश का निर्माण और सुनेरा भविष्य बनाने के लिए काम करो वो सबसे अलग बात है क्योंकि अलग बात इस लिए कहे रहा हु की आप अपने लिए काम करते हो तो अपनी खुशी मनाते हो । अपने रिश्तेदारों के लिए काम करते हो रिश्तेदारों की खुशी मनाते हो लेकिन देश के लिए सेवा करते हो और देश की खुशी के लिए काम करते हो तो आने वाला भविष्य आपको मनाता है और आपको मनाने की खुशी देश के लिए प्रेरणा बनती है और वो प्रेरणा नए जीवन को जन्म देती है और नया जीवन नया भविष्य को प्रेरणा देता है जो जीवन का सही अर्थ है ।

जीवन में हम रामायण या महाभारत पढ़ते है तो उसमे भगवान यही बात कहते है की में हर जगह और हर दिशा में जीवन को प्रकाश देता हु जैसे रामायण में भगवान राम थे वही महाभारत में भगवान कृष्ण थे और भगवान कृष्ण ही भगवान विष्णु के अवतार थे जो परशुराम भी थे और परशुराम के तीन प्रमुख शिष्य महाभारत में थे जिसमे एक पितामह भीष्म थे एक गुरु द्रोणाचार्य थे और एक कर्ण थे और भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय था वो अर्जुन था तो महाभारत में जो भगवान विष्णु ने कृष्ण बनके अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया वही भगवान विष्णु ने परशुराम बनके सबसे महान योद्धाओं को ज्ञान दिया जिनमे पितामह भीष्म थे , गुरु द्रोणाचार्य थे और कर्ण थे तो भगवान की लीला ही उस वक्त इसी तरह की थी की ना ही कोई उनकी लीला को समझ सकता था ना ही समझ पाया था तो ये जीवन का सही मतलब है जो जानने की आवश्यकता है और समझने की भी तभी जीवन में कुछ अच्छा देख पाएंगे या सिख पाएंगे ।

जीवन में हम कई बार ये देखते है उसने ऐसा किया और वैसा किया तो हम ये क्यों नहीं सोचते है की हमने कैसा किया । आप जीवन में कोई भी खेल देख ले सभी खेल में आपको एक से एक अच्छे खिलाड़ी देखने को मिलेंगे तो जब आप कुछ अच्छा बनना चाहते हो तो आपको सबसे अच्छा बनना पड़ता है और सबको हराना पड़ता है लेकिन उसमे भी आपकी एक चूक जीवन में कई बार बड़े बड़े गेम में बाहर कर देती है तो चूक का कोई विकल्प ही नही है तो ऐसी स्थिति में जब जीवन के खेल आप खेलते हो  तो आपको कितने लोगो से होकर गुजरना पड़ता है तो आपको कितना बड़ा योद्धा बनना पड़ता है और आगे बढ़ना पड़ना है वो आप सोच सकते हो । जीवन में जिसे महान नही बनना उनके लिए जैसा है ठीक है लेकिन जिससे सफलता प्राप्त करनी है उनके लिए मेहनत का यज्ञ में अपनी इच्छाओं की आहुति देकर नया इतिहास बनाना पड़ता है तो उसके भी हाथ जलते है तब जाके नव निर्माण होता है और यही सबसे बड़ी सिख होती है और यही देश का अच्छा भविष्य निर्माण भी होता है ।

हम सब एक अच्छी सोच के साथ आगे बढ़े और देश का निर्माण में अपना सही अर्थ में योगदान देकर नया भारत मजबूत भारत बनाने के संकल्प में आगे बढ़ना है और अपने देश को ऐसी स्थिति में लाना है की आने वाले युग की सभी परिस्थिति हमारे अनुकूल हो और विश्वगुरु की सही पहेचान आत्म शक्ति और आत्म सम्मान के भावना से दुनिया को मिले जिसे नया इतिहास बन सके और आपका नाम सुवर्ण अक्षरों में देश में लिखा जा सके तभी आपका जीवन सफल होगा और तभी आप अपने जीवन की सफलता का सही मतलब जान सकेंगे और पहेचान सकेंगे और दुनिया को दिखा सकेंगे की आपकी मेहनत विश्व की ताकत है और आपकी पहेचान विश्व की पहेचान है और विश्व की पहेचान ही हमारे देश की सही पहेचान है जिसे हम सबको मिलके सिद्ध करना है और आने वाले वक्त में जरूर सिद्ध करेंगे तभी आदर्श राष्ट्र समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होगा और भारत सही अर्थ में एक बार फिर सोने की चिड़िया सकेगा और अपनी ताकत दुनिया को दिखाने की क्षमता रख सकेगा ।


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