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मेरी डायरी के पन्ने
मेरे ख़्वाबों से सजते हैं
हर लफ़्ज़ मेरी रूह
का हाल बयां करते हैं
स्याही में डूबे जज़्बात
यादों के रेगिस्तान में तपते हैं
एक तस्वीरें जो दिल में है
कस्तूरी मृग सा हर पल भटकते हैं
यक़ीं है मिलेगी मुहब्बत एक दिन
यूँ ही नहीं लफ़्ज़ लिखावट में तरसते हैं
आज भी मेहंदी की हर लकीर में
तेरा अक्स शिद्दत से ढूँढते हैं