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दुख होगा मत देखो ख़्वाब,
जब समय की गिरेगी गाज;
समय स्वप्न से करें आज़ाद,
समय स्वतंत्र करे आग़ाज़।
मगन लग्न से कर हर काज,
मन नहीं आवे निराशा भाव;
तृण मन पर रंगें हर रंग राग,
जीवन सजे सभी सुर साज़।
जब घात लगा बैठे हो बाज़,
तब सिंह भांति भर आवाज़;
समय सारणी का सुर साज़,
तू अपनी धरती पर विराज।
मधुर भाव का ह्रदय में राग,
जीवन निर्मल लहर सा सार;
राग ताल का मृदुल आग़ाज़,
पंख फैला अवनि अंबर राज़।
(Pic Source- Pinterest)