...

29 Reads

दौड़ता भागता ये जहां दोस्तो
आ गये हम कहाँ से कहाँ दोस्तो

मुफ़लिसी है अभी भी वहीं के वहीं
क्यों बदलती नहीं दास्ताँ दोस्तो

पीठ पर बोझ लादे चला जा रहा
लड़खड़ाता हुआ कारवाँ दोस्तो

उस तरफ़ जा रहे गहरी खाई जहाँ
इस तरफ़ है बड़ा सा कुआँ दोस्तो

ख़ुशियाँ आए कहाँ से उजाले लिये
ग़म की छँटती नहीं बदलियाँ दोस्तो

साफ़ दिखती नहीं रोज़ी-रोटी इन्हें
हर तरफ़ है धुआँ ही धुआँ दोस्तो

देखकर रंज मायूस है अब्र भी
रो पड़ा आज ये आसमाँ दोस्तो

देखो जर्जर है यकसर हमारी तरह
ढह न जाए कहीं ये मकाँ दोस्तो

बे-बसी छाई है और करते भी क्या
बस मिलाते रहे हाँ में हाँ दोस्तो

देखते-देखते ही बदल जाती है
दोस्ती दुश्मनी में यहाँ दोस्तो

बोलना ये सभी जानते हैं मगर
सी रखी है रक़म ने ज़ुबाँ दोस्तो

दुख तो होता इन्हें दे के लेते सभी
एक कम्बल कई सेल्फ़ियाँ दोस्तो