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वो बुरा चाहते हैं,भलाई नहीं
मेरी शैली जिन्हें रास आई नहीं
ख़ास बनकर रहोगे तभी तुम यहाँ
जी-हुज़ूरी करो,आशनाई नहीं
जल रहे थे किसी बात पर कुछ मगर
बात क्या है किसी ने बताई नहीं
बोझ तानों का ढोता मगर देखिये
आस अबतक मेरी लड़-खड़ाई नहीं
क्यों मुनादी करें नाम लेकर मेरा
एक शायर हूँ सुंदर पिचाई नहीं
जो बुरे हैं उन्हें ही बुरा कह रहा
और इसमें तो कोई बुराई नहीं
हाल मेरा किसानों के जैसा ही है
जितनी लागत है उतनी कमाई नहीं
शाइरी का मज़ा कैसे आए भला
इश्क़ में दर्द या फिर जुदाई नहीं
ज़िन्दगी में क़लम काग़ज़ों के सिवा
आप-बीती किसी को सुनाई नहीं
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वज़्न - SlS SlS SlS SlS
मुनादी करना-ढिंढोरा पीटना