...

12 Reads

नीलिमा ने अपने लिए लड़का पसंद कर लिया माँ को बताया की वो हमारा सेनापति है
क्या बेटी तुझे सेनापति पसंद आया
माँ प्यार सब कुछ धन नहीं होता प्यार परवाह से होता है
तेरी बात तो सही है
माँ ये आपकी परवाह ही है जो आप मेरा इतना सोचती है पर मैंने देखा उन्हें दौलत से नहीं मतलब
मेरी बेटी की खुशी मे मेरी खुशी
रिश्ता पक्का हुआ
अब किस किस को बुलाना है ये देखना था?
नीलिमा ने अपनी बहन को बुलाने का मानस बनाया
माँ को ये बात बताई
पर बेटी वो तेरी सौतेली बहन है और तुझे पसंद नहीं करती
तो क्या हुआ माँ इतना बड़ा मौका होगा मैं चाहती हूं दीदी एक बार आ जाए शादी मे शामिल हो जाए
ये बात मयूरी तक पहुंची
एक बारगी मयूरी ने मना कर दिया था जब खत मे आग्रह पढ़ा
दीदी आप एक बार आइए महसूस कीजिए आप इसी राज्य की है आप हमसे अलग नहीं आपने हमे अपना नहीं समझा आप आइए मैं और माँ आपका इंतजार करेंगे
मयूरी शाम को आयी
मयूरी देखकर माँ और नीलिमा दोनों बहुत खुश हुए
दोनों मयूरी के गले लगे
आज सालों बाद लग रहा था नीलकमल की कोशिश रंग लायी वो हर बार कोशिश करती थीं दीदी वापस आ जाए
मयूरी ने नीलिमा को उबटन लगाया उसके बाद माँ और मयूरी ने नीलिमा को तैयार करा
मयूरी परी लग रही थी
थोड़ी देर बाद सेनापति धीरेन्द्र आया
नीलिमा उसे देखती ही रह गयी और मंद मंद मुस्कुराने लगी
मयूरी ने माँ से सालों बाद बात की थीं
माँ मुझे एक लड़का पसंद है
माँ ने पूछा कौन है वो मयूरी बोली
वो एक कवि है उतना अमीर नहीं पर मैं उसे चाहती हूं
माँ की आँखों से आंसू शुरू हो गए
माँ ने कहा तुम दोनों ने एहसास करा दिया
धन ही सब नहीं होता
दोनों बेटियाँ माँ के गले लग गयी
उस समय धीरे धीरे चलते हुए पिता भी आ गए
माहौल बहुत खुशी वाला हो गया
हर कोई हैरान था पिता आज लंबे समय बाद उठे थे
नहीं तो बीमारी के कारण उनसे उठा नहीं जाता था
आज उनका परिवार पूर्ण हुआ ।

समाप्त
23/7/2024
9:20 रात्रि
#PINTEREST
@Deep4318