...

2 Reads

प्यासी धरा पर जैसे जल बरसे -
मेरा शरीर ऐसे चिता को तरसे -
शायद ठंडक मिले मुझे, इस भभकती हुई आग से -
जैसे झुमे सावन मियाँ मल्हार राग से -
मन व्याकुल है फिर भी मौन है -
कोई ना जाने कि वो कौन है -
जिसने ज़ख़्म दिल को दिया -
एहसास रूह को हुआ -
फिर भी दिल में प्रेम तपिश है -
उस के लिए ना कोई गीला, ना कोई रंजिश है,
ना मन में बची उसकी अब कोई ख़्वाहिश है -
#Shayari #sad #Hindi