7 Reads
मौसम जैसे माध्यम...
सूरज जैसे आकर्षित...
चांद जैसे चंद्र चकोर...
वो है किरणों जैसे कोमल...
वो है रूप से हसमुखी..
वो है मेरे हसीं जैसे मेरे हर सुबह...
वो लड़की है...
मेरे होंठो के सरगम....
जाने अनजाने में उसकी पाता खो दिया है मैंने...
बस पता है तो बस इतना ही पता है...
उसकी घर का पता नहीं है
मगर उसके हर ख्वाहिश का पता है मुझे....
उसको पता है मुझे भी ये बात पता है
उसकी हसीं में मेरे हर ख्वाहिश का घर बसता है.
#उसकीयाद
#पता
#उसकोपताहै