...

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समंदर शान्त है फिर भी, तूफानों का घेरा है..
जल्द सवेरा अपना होगा अभी रात का फेरा है।
ये चिन्तन है या चिन्ता है समझ से बाहर है किन्तु
तू तब भी अपना मेरा होगा, अब भी अपना मेरा है।।