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|| मुझे प्रेम है केवल आपसे ||
|| श्रीमद् भगवद् गीता के हर एक पन्ने को स्पर्श कर -
मेरे हृदय ने ये स्वीकार किया है ||
|| हमें आपसे, केवल आपसे प्रेम है ||
|| ये प्रेम मूलतः आज का नहीं, युगों युगों का है ||
|| ये प्रेम अनन्त है ||
|| इस सदी के आरंभ से लेकर अंत तक -
ना किसी ने किसी से ऐसा प्रेम किया है और ना कर पायेगा ||
{|| परन्तु ये भी कठोर सत्य है -
|| जो व्यथा, मुझे मृत्यु का अनुभव कराया है ||
|| जो असम्मान मुझे अपार पीड़ा दिया है ||
|| और जो व्यवधान आज हमारे मध्य है ||
वह इस जीवन के अंतकाल तक -
एक समान स्थिर रहेगा ||}
#prem #Love&love #spritual #divinelove