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और आज भी तो कहती हूँ
मेरे से जब तुम्हारी पटती नहीं...
मेरी बातें
मेरे तौर तरीके
मेरा कुछ भी तुम्हें पसंद नहीं आता
तो ढुड़ लो ना उनमें से कोई जो तुम्हारे type की हो
जो तुम्हारे thoughts को understand करती हो
जिसके साथ तुम्हारे विचार भाव सब मिलते हों
जिसके लिए तुम वो सब करोगे जो तुम्हारा कर्तव्य हैं
तुम्मे और मुझ में तो ज़मी और आसमान का फ़ासला हैं
जिस फ़ासले को कम करने के लिए तुम्हारी तरफ़ से कोई पुरा पुरा efforts नहीं दिखा...
महज़ trial session दिखा।
जैसे मैं उन्हें attention दे ने लग जाऊँ..
बस उनकी duty खतम।
1.7.2024
12.54