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सुनो,
मैं आज फिर किसी को तड़पता छोड़ आया हूं॥
मैं आज फिर किसी का दिल तोड़ के आया हूं॥
तू आखिर क्यों नही समझती मेरी मुहब्बत को॥
मैं तेरे खातिर सारी दुनिया को छोड़ के आया हूं॥
#poetry #shayari #दर्द #इश्क
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सुनो,
मैं आज फिर किसी को तड़पता छोड़ आया हूं॥
मैं आज फिर किसी का दिल तोड़ के आया हूं॥
तू आखिर क्यों नही समझती मेरी मुहब्बत को॥
मैं तेरे खातिर सारी दुनिया को छोड़ के आया हूं॥
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