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खुदा जैसे ही मेरे पास हो तुम
इबादत का वही अहसास हो तुम

तुम्हारे नाम से चलती है धड़कन
कहूँ कैसे कि कितने खास हो तुम

फ़लक छूना तुम्हारे साथ मुमकिन
मेरी उम्मीद मेरी आस हो तुम

हज़ारों ग़म भरी दुनिया में हमदम
गनीमत है कि मेरे पास हो तुम

तुम्हारा साथ हर दौलत से बढ़ कर
तुम्हीं गौहर मेरे अल्मास हो तुम

समंदर के सफ़र में दीप मेरी
कभी ना बुझ सकी वो प्यास हो तुम
#दीप
#ग़ज़ल #इश्क़