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कहा बेटी को
बेटी शादी के बाद सभी की सुनकर अपनी बात कहना
ताकि तुम्हें भी सुन सके और तुम उन्हें सुन सको
अहंकार लेकर मत बैठना
होता नहीं कोई भी पूर्ण रूपेण अपने जैसे
उनके जैसे भी बनना पड़ता है
मारे अगर ताने सास
कल्पना करना मैं तुम्हारे पास ही हूं
हाथो की पांचो उंगलियां एक जैसी नहीं होती
ये बातें सुनकर बेटी हुई भावुक
लगी बेटी माँ के गले
जो सीख मिली थीं वो काम आने वाली थीं