...

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उन रातो मैं आज भी जीता हु ....
और छुपा के आँशु पीता हु....

कहने जब भी निकलता जवाने से दर्द अपना...
सब बस ये सुना के टाल जाते...मैं भी कई दर्द मैं जीता हू...