7 Reads
समंदर से गहरा है तेरी काजल,
कंगन की आवाज में तेरी गूंजती है बांसुरी के स्वर।
पायल की छम छम में है सुमधुर संगीत,
तेरी माथे की बिंदी है सौभाग्य का प्रतीक।
हे नारी, तू बस नायिका नहीं,तू देवी है, तू सृष्टि है।
कवि के कलम में भी शब्दों की परिभाषा की कमी है,
तू खुद एक कविता है।
- Archana Maharana (Lucky)
image: meta AI pic generator