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᯽कविता᯽
राम मंदिर बनाने का क्या मतलब है ,
जब आँगन मे खेल रही सीता असुरक्षित है ।
कैसे देश रामराज्य बनेगा , जब रावण का आंतक हर गली - मोहल्ले मे पनप रहा है ।
हो गए आजादी के तिहत्तर साल , नही रूक रही महिलाओ और बेटियो पर अत्याचार । घूम रहे आजाद हैवान दरिदें , हर दिन हो रहे महिलाओ, बेटियो का बलात्कार । हे दुष्ट हैवान दरिदों ,थोड़ा भी रहम ना आई सुन, उस लड़की की दर्द भरी करूण आवाज ।
अपने जिस्म की हवस मिटाने के लिए , कर दिया बहुत बड़ा पाप तू आज ।
कुछ जन्म से पहले गर्भ मे मार दी गई,
कुछ हैवान दरिदों की शिकार हुई । माँ की कोंख से झाँकती जिंदगी ,
बाहर आने से घबराने लगी । कुछ गलत हुआ जो ,
मासूंम चेहरे पर खौफ नजर आने लगी ।
वाह रे ! इंसान के रूप मे हैवान , कर दिया तू इंसानियत को शर्मसार । अब तो जीने दो सुकून की जिंदगी, भारत माँ की बेटी कहे बार-बार ।
थोड़ी आशा की किरण, थोड़े हौसलो के उडा़न थे उसके , चार दिन की जिंदगी, सुकून से जीने के अरमान थे उसके । राम मंदिर बनाने का क्या मतलब है, जब आँगन मे खेल रही सीता असुरक्षित है ।
लेखक- अवधेश प्रताप मौर्य
#ap_maurya