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सात दिवस में जरण है सात दिवस में है मरण
दस द्वारों के महल से पंच द्वारों से निर्वासन।
जितना अहंकार है मन में उतनी पीड़ाएं भी है
जाने क्यों न समझ रहा ये तेरा अवचेतन मन,,
बस यू ही,,,,🌟☘️✨️🙏🏻