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प्रेम "हिना" का फूल नहीं 💮

मैनें हिना का उदाहरण इसलिए लिया क्योंकि प्रेम कोई हिना का फूल नहीं है जिसे आप जब चाहें पीस लें उसे प्राप्त कर सकतें हैं,प्रेम गुलाब के भांति हैं कमल के भांति हैं कि अगर प्रेम पाना हो तो आपको जख्म मिलेगा, आपको कीचड़ में उतरना होगा समाज की गंदगी से लड़ना होगा।

यह आपके प्रयास पर भी निर्भर करता है की आपको प्रेम मिल पाया की नहीं यह याद रहें यहां आप एक प्रेमी हैं न कि एक हिंसक प्राणी जो की अगर उसे फूल प्राप्त करना हो तो वह स्वयं को नहीं फूल के पौधों को या फूल को क्षति पहुंचाएगा वह उस फूल के सुगंध का उपभोग कर उस फूल के पंखुड़ियों को बिखेर सकतें है लेकिन आप तो एक प्रेमी हैं आप तो स्वयं बिखर सकतें हैं चोटिल हो सकतें हैं लेकिन उस प्रेम रूपी पुष्प को हानि नहीं पहुंचाएंगे।

मैंने पहले ही कहा था कि प्रेम रूपी इस फूल में केवल खुशबू ही नहीं अपितु कांटे भी होते हैं अब यह जरूरी नहीं है की आपको कांटे मिलेंगे या सिर्फ खुशबू मिलेंगे आपको दोनों भी मिल सकते हैं लेकिन दूसरी ओर हिना के फूल में कांटे तो नहीं लेकिन केवल खुशबू है। हां वह स्वयं पिसती तो हैं लेकिन अपने रंगों से दूसरों की हथेली की रंगीन अवश्य कर देती हैं 🥀

इसे अंत तक पढ़ने हेतु आपका कोटि कोटि नमन, धन्यवाद 🙏🏻

#writco #love #प्रेम #ishq