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जब- तब श्यामल भयो चारु - चंद्र,
गगन में बदरी घेर छेरे प्रेम सम्बन्ध,
अधर चले मधुर मुस्कान मंद - मंद,
जीवन महके मृदुल मलय - सुगंध।
(Pic Source- Pinterest)
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जब- तब श्यामल भयो चारु - चंद्र,
गगन में बदरी घेर छेरे प्रेम सम्बन्ध,
अधर चले मधुर मुस्कान मंद - मंद,
जीवन महके मृदुल मलय - सुगंध।
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