...

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माफरूर परिंदों को यह
एलान गया है|
सही याद नशे मन का पता
जान गया है|
यानी जिसे दीमग् लगी,
जाती थी वो में था|
अब आके मेरा ,
मेरी तरफ ध्यान गया है|
शीशे में भले उसने मेरी नक्ल
उतरी,
खुश हूँ की मुझे कोई तो
पहचान गया है|
अब बात तेरी कुन पे है कुछ
मेरे मौला,
एक शख़्स तेरे दर से परेशान
गया है|
यह नाम न सब जाके ज़माने
को बताओ,
अंजान तो दस्तक से ही
पहचान गया है|
🌼❤