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वो लम्हा जब तेरा दीदार हुआ करता था,
हर साँस में बस तेरा ही इंतजार हुआ करता था।

तेरे बिना ये दिल वीरान हो जाता है,
तेरी यादों में ही बस प्यार हुआ करता था।

हर अश्क में तेरी हसरतें बसी होती हैं,
तेरे ख्यालों में ही ये दिल मशगूल हुआ करता था।

तेरे आने से बहारें भी मुस्कुराती थीं,
तेरे जाने से मौसम भी मलूल हुआ करता था।

अब भी दिल में तेरी महक बसती है,
तेरे नाम से ही ये दिल वाबस्ता हुआ करता था।

इस ग़ज़ल में बयां हैं तेरी यादें और तड़प,
तेरी मोहब्बत में ही ये दिल मगरूर हुआ करता था।