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बह्र : २२१ १२२२ २२१ १२२२ 🌹✍️
*कासा : भिक्षा पात्र
*रिंद : शराबी
*तुर्बत : क़ब्र, मज़ार, मक़बरा, समाधि
*तफ़्तीश : जाँच, investigation
तब चाँद उतर आया, दिल तारे भी थाम आये
जब खोलके वो जुल्फें, मिलने सरे बाम आये
(*सरे बाम - छत पे)🌹
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#रिंद #साक़ी #मयख़ाना
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