...

14 Reads

सुबह का नज़ारा हसींन देखों, कैसा सुहाना मौसम,
आया ,सूरज की तपती गर्मी के पीछे बादल छाया!

प्रचंड गर्मी से व्याकुल इंसान तीतर बितर घूमता,
ठंढ़ी हवा के झोंके से राहत का एहसास कराया!

सघनन से बादल वर्षा कर धरती की प्यास बुझाता,
बंजर सी पड़ी भूमि को हरियाली का उमंग जगाया!

नदी झरनों की बहती कल कल ध्वनियाँ राज सुनाती
जिव, मानव को जीवन दान दे कर मरने से बचाया!

तरु की हरी भरी पत्तियों एवं फल की लदी डालियो
से हर इंसान की जलती हुईं भूख को मिटाया!