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एक रेला सा आता है और लोग ( भारतीय ) उसमें बह जाते हैं कुछ किसी के संत हो जाने से दुखी हैं , कुछ किसी के शांति की खोज में संगम पहुंचने से दुखी हैं , कुछ किसी कन्या की अदभुत सुंदरता में मुग्ध , किसी को किसी के जीवन की जटिलताओं से लड़ते लड़ते तक कर एक प्रयाण तक पहुंचने का दर्द सोने नहीं दे रहा ।
और कुछ जांबाज़ खुद शायद हाइस्कूल अच्छी प्रतिशत से न कर पाए हों किंतु दूसरे I I T वाले के धर्म की एक शाखा के चुनने की इतनी घनघोर तकलीफ है कि दर्द को तेजाबी बनाकर पोस्ट दर पोस्ट किए जा रहे हैं ।
अरे भाई जी लेने दो लोगों को जैसे वो चाहें ।
तुम भी जियो मस्त रहो ।
खैर समझाने के लिए नहीं लिखी बस रोक नहीं पाये खुद को
व्यक्त किए बगैर बड़ी अजीब सी फीलिंग है बैंक टू बैक एक जैसी पोस्ट हर दूसरे प्रोफाइल पर ।
कोशिश करो जीने की और जीने देने की ।😂