26 Reads
बह्र : २१२२ २१२२ २१२
मय-कशी : मदिरापान
कू-ए-जानाँ : महबूब की गली
#शायरी #ग़ज़ल #Writcoquote #poetry
#मय-कशी #आवारगी #नौकरी #आदमी
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बह्र : २१२२ २१२२ २१२
मय-कशी : मदिरापान
कू-ए-जानाँ : महबूब की गली
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