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/#जब_नयन_मिले/

आप से दो नयन क्या मिले,
पुष्प- पात प्रभा खिले खिले;
अधर - मधुरम मुस्कान पले,
चित अतल स्पंदन तीव्र चले।

ह्रदय तल सुख सागर मिले,
जबसे आपसे दो नैना मिले;
मध्यम मध्यम नैन चंद्र चले,
तारों की शोभा फीकी लगे।

हल्के - हल्के चाँदनी स्पर्श,
हौले से तरु- तृण चला हर्ष;
चंद्र कौमुदी आलिंगन सहर्ष,
नित्य रात्रि जीवन प्रति वर्ष।