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मेहन-ए-बातिन-: अंतर्मन की उलझन..
परस्तिश-ओ-क़ाफ़िर-वशी-: पूजा और नास्तिकता..
संग-पग-: बहुत गहरी दोस्ती..
संग-ए-रह-: मील के पत्थर.. ✍🏻✍🏻✍🏻
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