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समय कभी करता है विस्मित तो कभी भ्रमित,
समय निरन्तर अपनी यात्रा पर रहता नियमित;
हम लड़ते- झगड़ते वहीं खड़े रह जाते चकित,
सदा सुखी रहें मान जो पाया वह मेरा निमित्त।