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ललाट पर है भस्म लगाए,आरम्भ जिसका शमशान है,
माथे पर है चंद्र सोहे जटावो में गंगा विराजमान है!
आदि भी यही,अंत भी यही है इनमे ही समाया संसार,
मेरे भोले नाथ का ना जाने मुझ पर कितना एहसान है!
#shiva
#Love&love
#devotional
#WritcoQuote