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तेरे जाने के बाद जिंदगी थम गयी है
डूबने दिवाकर लगा रोशनी कम गयी है

आँखों से अभ्र मेरे टूट के है बरसते
चाँद सितारों को नैना दोनों है तरसते
रोते रोते मेरी आँखें हो नम गयी है

कैसा ग्रहण लगा ज़िन्दगी की प्रत्याशा को
रात भी रोती है देख मेरी दुर्दशा को
फूलों के कपोलों पे बैठ शबनम गयी है

सांय सांय करती डराने लगी ये हवाये
आस के सूखे पात को ये फ़रफ़र उड़ाये
देख आज मेरे दिल की धड़कन थम गयी है