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कुछ नादान से सवाल हैं मेरे तुमसे
तुम उनका जवाब दे पाओगी क्या ?
सब कहते हैं कि बहुत ज़िद्दी हूं मैं
मेरे साथ हमेशा रह पाओगी क्या ?
कुछ चीजों में ज़रा बिगड़ा हुआ हूं
सही वक्त में मुझे सुधार पाओगी क्या ?
कई मर्तबा अल्हड़पन दिखाता है मुझमें
इस अल्लहड़पन को घर दे पाओगी क्या ?
पूरी जिंदगी में अगर कभी हारता दिखूं तो
तुम साथ मेरे हार पाओगी क्या ?
जो अगर कभी लड़ गया मैं किसी से
तुम मेरे सात उससे लड़ पाओगी क्या ?
बहुत सी ज़िम्मेदारियां है मेरे कंधे पे
तुम मेरी ये ज़िम्मेदारियां बांट पाओगी क्या ?
गुस्सा ज़्यादा आता है मुझे कई दफ़ा
तुम गुस्से में मुझे संभाल पाओगी क्या ?
कभी कभी टूट कर गुमसुम सा हो जाता हूं
बिना बताए मेरी चुप्पी की वजह जान पाओगी क्या ?
जो कभी भरी महफिल ख़ामोश हो गया मैं
उस ख़ामोशी में मेरी आवाज़ बन पाओगी क्या ?
जज़्बात दिखाने में थोड़ा कमज़ोर हूं मैं
बिना कहे उन एहसासों को समझ पाओगी क्या ?
जो गलतियां हो गई मुझसे किसी दिन
मेरी गलतियों को सुधार पाओगी क्या ?
यूं तो सबके सामने बहुत समझदार हूं मैं
मेरे अंदर के बचपने को संभाल पाओगी क्या ?
बहुत आसानी से रोटा नहीं हूं मैं वैसे
जो रोया अगर तो सहारे का कंधा बन पाओगी क्या ?
कभी कभी छोटी छोटी बातों का बुरा मान जाता हूं
इस मनमौजी के साथ पूरी जिंदगी गुज़ार पाओगी क्या ?