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मच्छर उड़े कभी इधर कभी उड़े कभी उधर
मच्छर को आना था कमरे मे
पर प्लग मे लगी थी मशीन
फिर भी मच्छरों को कहा
जाऊँगा मैं फिर भी
थोड़ी देर मे मशीन फैल हो जाएगी
ये सोचकर मच्छर उड़ान भरने लगा
उसे कहा गया बेटे रुक जा तुम्हारे लिए रिश्ता आया है
मच्छर खुश हुआ पर सोचने लगा जाऊँ या नहीं
पिता ने आकर रहने दे बेटा मत जा हम कम मे गुजारा कर लेंगे मशीन से हमारे कई मच्छर मारे गए तू मत जा
बहुत समझाने पर मच्छर रुक गया
सबने राहत की साँस ली
एक मच्छर का घर बच गया