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समझने में बहुत कठिन सी लगती है....
मगर पिगलती है जरूर....
गुस्सा तो बहुत दिखती है मुझपर....
उस गुस्से में बात तो है जरूर....
इथराती भी है थोड़ी बहुत....
जायज भी है वो है ही सुन्दर.....
अब क्या करें....
हो गया तो हो गया मैं उसके ख्यालों में पागल...
क्योँकि वो है ही इतनी सुन्दर मशहूर....
मैं हूँ उसका प्रेम पुकार.....
क्योँ है ना????