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वक़्त सही होगा जब तो मैं सब सही कर दूंगा, सब ख्वाइशें पूरी कर दूंगा, यही दिलाशा मैं आज तक अपने से जुड़े लोगो से कहता हूँ, मगर दिल में कहीं न कहीं डर रहता है की अगर वक़्त सही ना होकर बद से बदतर हो गया तो क्या?
जो मेरे बुरे वक़्त में मेरे साथ खड़े है, उनके लिए मैं खड़ा नहीं हो पाया तो क्या ये ग्लानि मुझे चैन से जीने देगी.....