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कुत्ते जब नींद में भी रहते हैं तो वो अचेत नहीं रहते वो सचेत रहते हैं उसे आसपास के गतिविधियों की अनुभूति होतीे हैं थोड़ी सी आहट होते ही वह अपनी निद्रा त्याग कर उठ खड़े होते हैं और अगर कोई संवेदनशील व्यक्ति / बाहरी कुत्ते या कोई पशु दिख जाए तो कुछ अनुचित घटनाओं को रोकने का प्रयास करने लगते हैं और उनके विरोध में भौंकने लग जातें हैं और वहीं दूसरी ओर मैंने कुछ लोगों को देखा है और मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं की मैं वैसे लोगों की बात कर रहा हूं जो की सचेत होते हुए भी अचेत रहते हैं ( यह बात बेहोश पड़े व्यक्ति / दिन में स्वपन में देखने वाले अर्थात् दिवास्वप्न देखने वाले व्यक्ति / शराब पी के धुत्त रहने वाले व्यक्ति / किसी ख्याल में खोए रहने वाले व्यक्ति या सदमे में गए व्यक्ति के लिए नहीं है ) मैं तो उन लोगों की बात कर रहा हूं जो होंश में तो है लेकिन फ़िर भी अचेत ( बेहोश ) हैं वो इसलिए क्योंकि जब सरे आम जब कोई किसी का सामान लेकर भाग जातें है या किसी दुर्घटना में लोग घायल हो जाते है या कोई किसी हत्या करके चला जाता है तो लोग उसे तमाशा की तरह देखते हैं उनमें से कुछ गिने चुने लोग ही ऐसे होते हैं जो उनके मदद को आगे आते हैं रात को जब चोरी डकैती की घटनाएं होने की आशंका होती है तो यह आशंका सबसे कुत्तों को ही होती है चार लोग उन चोरों का विरोध करे उनसे पहले चार कुत्ते भौंकने लग जातें हैं क्योंकि कुत्ता कभी तमाशा नहीं देख सकता वो वफादार तो होते ही हैं लेकिन नींद में भी सचेत रहते हैं शायद यही कारण है कि कुत्ते को घर की रखवाली लिए रखा जाता है। ( शेष टिप्पणी भाग में)

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