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#VoiceInside

भारतीय नारी में त्याग सेवा, सहिष्णुता प्रेम,
निःस्वार्थता, निष्ठा का अद्भुत गुण विद्यमान है!

आधुनिक युग से नारीशक्ति, प्रतिभा, सहिषुणता,
धैर्य समझ,सुंदरता से नारी की पहचान दर्शाए है!

मैं ही जगत कल्याण,जीवनतरणि, नौ दुर्गास्वरुप,
मुझको मंदिरोमेंकहाढूढ़े तेरे अंदर विराजमान है!

घर की जिम्मेदारी,इज्जत की ख़ातिर सपनों को,
कुर्बान कर जाय इसलिए नारी महान कहलाए है!

मैं भी माँ के आँचल की छाया हूँ, मुझमे ही दौड़े,
माँ की लहु फिर बेटी कह कर मार दीया जाए है!

बाबुजी की लाड़ली बेटी,उनके आँगन की कोमल,
फूल हूँ फिर दरिंदों के हाथों रौंद दीया जाए है!

समाज़ के रूढ़ि सोच विचार दिखावे के रिश्तो में,
बांध रोज बेग़ुनाह नारी को सज़ा सुनाई जाए है!

मैं भी इंसान हूँ,एक औरत हूँ,बेटी हूँ,बहू हूँ, माँ हूँ,
मेरे अंदर भी हिर्दय सम्पदन करता जाए है!

तो फिर मुझे क्यों असहाय,लाचार समझ कर,
हैवानियत नंगा नॉच दिखा बेमौत मारा जाए है!