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मुझ को ख़ाक होना ही
तकदीर में मंज़ूर था।
जिस से दोस्ती की मैंने
उसके हाथों में खंज़र थ।
मिलने गए थे उस दिन इश्क़ से।
“स्मरण” रहे वो आख़िरी मंज़र था।
@Smaran #Feelings #Feeling #Love&love💞 #WritcoQuote @Writco
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मुझ को ख़ाक होना ही
तकदीर में मंज़ूर था।
जिस से दोस्ती की मैंने
उसके हाथों में खंज़र थ।
मिलने गए थे उस दिन इश्क़ से।
“स्मरण” रहे वो आख़िरी मंज़र था।
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