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यह तस्वीर मेरे भाई के बटालियन की है कश्मीर से । एक ओर सैनिक हमारे सम्मान के लिए दिन रात लगे हैं अपने प्राण की परवाह किये बिना और दूसरी ओर हम अपने देश के अंदर हीं इन मानविन्दुओं के सम्मान के लिए कितने संवेदनहीन है।
कल से मन बहोत व्यथित है।
क्या आप को भी इतना दर्द इतनी बेचैनी महसूस हो रही है कल से