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किंतु...
पैसा आपको 'बोध' नहीं दे सकता।
चाहें कितने ही पैसे लेकर निकलों..
किसी बाज़ार में 'बोध' बिकता हुआ सा न मिलेगा..
एक बोध ही तो नहीं बिकता...
बाकी सब तो जगत में बिकाऊ हैं..
और उसी बोध में प्रेम समाया हैं और उसी प्रेम में सुख उसी सुख में शांती!
क्या ऐसी कोई चीज़ पैसा ख़रीद सकता हैं क्या?
पैसा जीवन को सहूलियतों से भरा बना सकते हैं।
आपके जीवन के कुछ कष्टों को निश्चित ही कम कर सकता हैं
किंतु किसी पैसे से आप सुख और शांति नहीं ख़रीद सकते।
यह बोध का परिणाम हैं...
indvidual हो या collective.
जीवन में सुख और शांती महज़ बोध का परिणाम हैं।
और बोध सजगता का।

यही कारण हैं कोई करोड़ो कमा के भी दुःखी हैं,
और कोई रोड पे रहके भी सुखी। 🙂

12.39am
3.9.202