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#Ashwati# काव्यतोष#
भावार्थ -
आपको स्वयं के मन को जानने के लिए स्वयं के मन में उतरना होगा , मन का ना कोई आकार या रंग नहीं होता है|
कर्म को अपने सच्चे मन से पूजने वालों को अन्य किसी भी पूजा-पाठ की अवश्यकता नहीं होती |